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1. तेल दीप की बत्ती में तेल .........के कारण ऊपर उठता है ?
Answer is (B) केशिका क्रिया
केशनली (Capillary Tube) में द्रव के ऊपर चढ़ने या नीचे उतरने की घटना को केशिकत्व कहते हैं। केशनली एक बहुत ही कम एवं एकसमान त्रिज्या वाली एक खोखली नली होती है। केशनली में कोई भी द्रव किस सीमा तक चढ़ेगा, यह केशनली की त्रिज्या पर निर्भर करता है।
केशिकत्व का उदाहरण:
(1) ब्लॉटिंग पेपर स्याही को शीघ्र सोख लेता है, क्योंकि इसमें बने छोटे-छोटे छिद्र केशनली की तरह कार्य करती हैं ।
(ii) लालटेन या लैम्प की बत्ती में केशिकत्व के कारण ही तेल ऊपर चढ़ता है।
(iii) पेड़-पौधों की शाखाओं, तनों एवं पत्तियों तक जल और आवश्यक लवण केशिकत्व की क्रिया के द्वारा ही पहुँचते हैं।
(iv) कृत्रिम उपग्रह के अन्दर (भारहीनता की अवस्था) यदि किसी केशनली को जल में खड़ा किया जाए, तो नली में चढ़ने वाले जल स्तम्भ का प्रभावी भार शून्य होने के कारण जल नली के दूसरे सिरे तक पहुँच जाएगा चाहे केशनली कितनी भी लम्बी क्यों न हो।
(v) वर्षा के बाद किसान अपने खेतों की जुताई कर देते हैं, ताकि मिट्टी में बनी केशनलियाँ टूट जाएँ और पानी ऊपर न आ सके व मिट्टी में नमी बनी रहे।
2. श्यानता की इकाई है-
Answer is (A) प्वाइज
गुण जिसके कारण तरल अपनी अलग अलग परतों के मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है, इस गुण को तरल का श्यानता कहते है।"
उदाहरण: शहद में बहने का गुण कम पाया जाता है क्यूंकि इसमें श्यानता का गुण अधिक पाया जाता है जो इनकी परतो के मध्य सापेक्ष गति का विरोध करता है।
पानी में श्यानता का गुण कम पाया जाता है जिससे यह आसानी से बह सकता है, क्यूंकि श्यानता गुण का मान कम होने के कारण इनकी परतों के मथ्य सापेक्ष गति का विरोध कम होता है।
3. उत्प्लावकता से सम्बन्धित वैज्ञानिक हैं-
Answer is (A) आर्किमिडीज
किसी तरल माध्यम में किसी वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थपित तरल के भार के बराबर होगा। अन्य शब्दो में, किसी तरल माध्यम में आंशिक या पूर्णतः डूबी हुई वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है।
आर्कमिडीज (287-212-BC) के सिद्धांत के दैनिक जीवन में अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं-
1. इसका उपयोग जहाजों तथा पनडुब्बियों का डिजाइन तैयार करने में किया जाता है।
2. लैक्टोमीटर यंत्र जिसका उपयोग दूध के नमूने की शुद्धता जाँचने में किया जाता है, का निर्माण इसी सिद्धांत के आधार पर किया जाता है
3. तरल पदार्थों का घनत्व मापने के लिए प्रयुक्त होने वाला हाइड्रोमीटर नामक यंत्र भी इसी सिद्धांत द्वारा निर्मित होता है ।
Answer is (A) आर्किमिडीज
किसी तरल माध्यम में किसी वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थपित तरल के भार के बराबर होगा। अन्य शब्दो में, किसी तरल माध्यम में आंशिक या पूर्णतः डूबी हुई वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है।
आर्कमिडीज (287-212-BC) के सिद्धांत के दैनिक जीवन में अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं-
1. इसका उपयोग जहाजों तथा पनडुब्बियों का डिजाइन तैयार करने में किया जाता है।
2. लैक्टोमीटर यंत्र जिसका उपयोग दूध के नमूने की शुद्धता जाँचने में किया जाता है, का निर्माण इसी सिद्धांत के आधार पर किया जाता है
3. तरल पदार्थों का घनत्व मापने के लिए प्रयुक्त होने वाला हाइड्रोमीटर नामक यंत्र भी इसी सिद्धांत द्वारा निर्मित होता है ।
4. उपग्रह 'मंगलयान' को मंगल की कक्षा में कब स्थापित किया गया था ?
Answer is (A) 24 सितम्बर, 2014
इसरो के महत्वाकांक्षी मंगल अभियान के तहत'मंगलयान' 5 नवम्बर, 2013 को श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से अंतरिक्षयान पी.एस.एल.वी. -C 25 के द्वारा प्रक्षेपित किया गया जो 24 सितम्बर, 2014 को 10 माह 19 दिन की यात्रा पूरी कर पृथ्वी से मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक स्थापित हुआ।
लगभग 1350 कि.ग्रा. भार वाला भारत का पहला मंगल अभियान 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' (MOM) की पूर्णतः सफलता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके पहले अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ ही मंगल पर अपने उपग्रह भेजे हैं, परन्तु पहली बार में ये देश असफल ही रहे है।
मंगलयान एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना थी जिसका लक्ष्य अंतरग्रहीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक डिजाइन, नियोजन, प्रबंधन तथा क्रियान्वयन का विकास करना था। मंगलयान अपने साथ पाँच नीतिभार (पेलोड) ले गया था, जो मंगल ग्रह की सतह, वायुमंडल, बाह्यमंडल खनिज संबंधी अध्ययन से संबंधित था । मंगलयान का एक प्रमुख उद्देश्य मंगल पर उपस्थित मिथेन पर ध्यान देना था क्योंकि धरती पर जीवन एवं ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है ।
Answer is (A) 24 सितम्बर, 2014
इसरो के महत्वाकांक्षी मंगल अभियान के तहत'मंगलयान' 5 नवम्बर, 2013 को श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से अंतरिक्षयान पी.एस.एल.वी. -C 25 के द्वारा प्रक्षेपित किया गया जो 24 सितम्बर, 2014 को 10 माह 19 दिन की यात्रा पूरी कर पृथ्वी से मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक स्थापित हुआ।
लगभग 1350 कि.ग्रा. भार वाला भारत का पहला मंगल अभियान 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' (MOM) की पूर्णतः सफलता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके पहले अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ ही मंगल पर अपने उपग्रह भेजे हैं, परन्तु पहली बार में ये देश असफल ही रहे है।
मंगलयान एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना थी जिसका लक्ष्य अंतरग्रहीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक डिजाइन, नियोजन, प्रबंधन तथा क्रियान्वयन का विकास करना था। मंगलयान अपने साथ पाँच नीतिभार (पेलोड) ले गया था, जो मंगल ग्रह की सतह, वायुमंडल, बाह्यमंडल खनिज संबंधी अध्ययन से संबंधित था । मंगलयान का एक प्रमुख उद्देश्य मंगल पर उपस्थित मिथेन पर ध्यान देना था क्योंकि धरती पर जीवन एवं ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है ।
5. ध्वनि तरंगों की प्रकृति होती है-
Answer is (B) अनुदैर्ध्य
Answer is (B) अनुदैर्ध्य
6. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होता है, जब प्रकाश जाता है ?
Answer is (A) हीरे से कांच में
सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य दीर्घ वृत्ताकार दिखने का कारण है- अपवर्तन
बादलों का रंग सफेद दिखता है- प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
आकाश में तारा टिमटिमाता दिखता है, इसका कारण है- वायुमण्डल द्वारा प्रकाश के अपवर्तन व प्रकाश के प्रकीर्णन
मानव नेत्र के रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब होता है- वास्तविक और उल्टा
वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण, सूर्योदय और सूर्यास्त में लगभग देरी हो सकती है- 2 मिनट
हाइपमेंट्रोपिया से पीड़ित लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है- उत्तल लेंस
हीरा अधिक चमकदार प्रतीत होता है। इसका कारण है -पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
विभिन्न रंगों के प्रकाश की किरणें वायु में- समान वेग से चलती हैं
दृश्य प्रकाश के लिये जल पारदर्शी होता है, तो भी कोहरे में (जिसमें जल की छोटी-छोटी बूँदें होती हैं), दूर की वस्तुयें देखना सम्भव नहीं होता। क्योंकि- प्रकाश किरणों का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और वे नेत्र तक नहीं पहुंच पाती
जब एक प्रकाश किरण किसी समकोणिक समद्विबाह प्रिज्म पर आपतित की जाती है, तो कौन-सी परिघटना घटित होती है -पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
सूर्य प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो सकता है यदि प्रकाश -काँच से वायु में जाये
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Answer is (A) हीरे से कांच में
सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य दीर्घ वृत्ताकार दिखने का कारण है- अपवर्तन
बादलों का रंग सफेद दिखता है- प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
आकाश में तारा टिमटिमाता दिखता है, इसका कारण है- वायुमण्डल द्वारा प्रकाश के अपवर्तन व प्रकाश के प्रकीर्णन
मानव नेत्र के रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब होता है- वास्तविक और उल्टा
वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण, सूर्योदय और सूर्यास्त में लगभग देरी हो सकती है- 2 मिनट
हाइपमेंट्रोपिया से पीड़ित लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है- उत्तल लेंस
हीरा अधिक चमकदार प्रतीत होता है। इसका कारण है -पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
विभिन्न रंगों के प्रकाश की किरणें वायु में- समान वेग से चलती हैं
दृश्य प्रकाश के लिये जल पारदर्शी होता है, तो भी कोहरे में (जिसमें जल की छोटी-छोटी बूँदें होती हैं), दूर की वस्तुयें देखना सम्भव नहीं होता। क्योंकि- प्रकाश किरणों का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और वे नेत्र तक नहीं पहुंच पाती
जब एक प्रकाश किरण किसी समकोणिक समद्विबाह प्रिज्म पर आपतित की जाती है, तो कौन-सी परिघटना घटित होती है -पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
सूर्य प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो सकता है यदि प्रकाश -काँच से वायु में जाये
7. मृगतृष्णा (Mirage) उदाहरण है-
Answer is (B) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
जब कोई प्रकाश की किरण किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अपर्वतन के कारण अपवर्तित किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है। इसी को पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन कहते हैं।
इस स्थिति में प्रकाश का परावर्तन शत प्रतिशत होता है। इसके कई उदाहरण हैं-जैसे हीरे का चमकना, गर्मियों के मौसम में रेगिस्तान में मरीचिका (Mirage) का कारण भी पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन है। गर्मियों की दोपहर में रेगिस्तान में यात्रियों को कुछ दूरी पर पानी होने का भ्रम हो जाता है। इसे रेगिस्तान की मरीचिका कहते हैं।
Answer is (B) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
जब कोई प्रकाश की किरण किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अपर्वतन के कारण अपवर्तित किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है। इसी को पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन कहते हैं।
इस स्थिति में प्रकाश का परावर्तन शत प्रतिशत होता है। इसके कई उदाहरण हैं-जैसे हीरे का चमकना, गर्मियों के मौसम में रेगिस्तान में मरीचिका (Mirage) का कारण भी पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन है। गर्मियों की दोपहर में रेगिस्तान में यात्रियों को कुछ दूरी पर पानी होने का भ्रम हो जाता है। इसे रेगिस्तान की मरीचिका कहते हैं।
8. पेट अथवा शरीर के अन्य आन्तरिक अंगों के निरीक्षण के लिए प्रयुक्त तकनीकी इण्डोस्कोपी (Endoscopy) आधारित है-
Answer is (A) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन पर
Answer is (A) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन पर
9. इन्द्रधनुष" के कारण होता है.
Answer is (D) परावर्तन एवं अपवर्तन
Answer is (D) परावर्तन एवं अपवर्तन
10. आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है-?
Answer is (C) प्रकीर्णन के कारण
Answer is (B) धूलकण
Answer is (A) इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है ।
Answer is (B) आकाश के परावर्तन तथा जल के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
Answer is (B) प्रकीर्णन के कारण
Answer is (A) बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण
साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का दिखाई पड़ना प्रकाश के बहुलित परावर्तन तथा प्रकाश के व्यतिकरण की घटना का उदाहरण है। पानी के साथ साबुन के बनने वाले बुलबुले की पतली परतों से सूर्य के प्रकाश के गुजरने से प्रकाश के व्यतिकरण के कारण प्रकाश सात रंगों में दिखाई पड़ने लगता है।
Answer is (C) प्रकीर्णन के कारण
11. वायुमण्डल में प्रकाश के वितरण का कारण है- ?
Answer is (B) धूलकण
12. खतरे के संकेत के लिये लाल प्रकाश का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि - ?
Answer is (A) इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है ।
13. समुद्र नीला प्रतीत होता है- ?
Answer is (B) आकाश के परावर्तन तथा जल के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
14. अस्त होते समय सुर्य लाल दिखायी देता है- ?
Answer is (B) प्रकीर्णन के कारण
15. साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का बनना किस परिघटना का परिणाम है ?
Answer is (A) बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण
साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का दिखाई पड़ना प्रकाश के बहुलित परावर्तन तथा प्रकाश के व्यतिकरण की घटना का उदाहरण है। पानी के साथ साबुन के बनने वाले बुलबुले की पतली परतों से सूर्य के प्रकाश के गुजरने से प्रकाश के व्यतिकरण के कारण प्रकाश सात रंगों में दिखाई पड़ने लगता है।
16. मोटरकार में पश्चदृश्य के लिए कौनसा ?
Answer is (D) उत्तल दर्पण
Answer is (D) उत्तल दर्पण
17. परमाणु जिसमें प्रोटोनों की संख्या समान परन्तु न्यूट्रानों की संख्या भिन्न-भिन्न रहती है, क्या कहलाते हैं ?
Answer is (D) समस्थानिक
Answer is (D) समस्थानिक
18. रेशम के कीड़े पालने को कहते हैं- ?
Answer is (D) सेरीकल्चर
रेशम की खेती (उत्पादन को सेरीकल्चर कहते है) रेशम, रेशम के कीड़े के मुखग्रन्थियों से निकला लार है जो वातावरणीय हवा में सूखकर रेशा बन जाता है अतः रेशम के कीड़े को पालना (Sericulture) ही रेशम उत्पादन की पहली प्रक्रिया है।
रेशम के कीड़े शहतूत के पेड़ पर पाले जाते है व इसकी पत्तियों को खाकर जीते हैं और भी रेशम का उत्पादन करते हैं इस कीड़े को बाम्बेक्स मोरी (Bombyx mori) कहते है। रेशम उत्पादन की यह पहली प्रक्रिया है जिसमें रेशम की कीडो को पाला जाता है।
Answer is (D) सेरीकल्चर
रेशम की खेती (उत्पादन को सेरीकल्चर कहते है) रेशम, रेशम के कीड़े के मुखग्रन्थियों से निकला लार है जो वातावरणीय हवा में सूखकर रेशा बन जाता है अतः रेशम के कीड़े को पालना (Sericulture) ही रेशम उत्पादन की पहली प्रक्रिया है।
रेशम के कीड़े शहतूत के पेड़ पर पाले जाते है व इसकी पत्तियों को खाकर जीते हैं और भी रेशम का उत्पादन करते हैं इस कीड़े को बाम्बेक्स मोरी (Bombyx mori) कहते है। रेशम उत्पादन की यह पहली प्रक्रिया है जिसमें रेशम की कीडो को पाला जाता है।
19. बिच्छू का विष कहाँ पर होता है ?
Answer is (D) डंक में
Answer is (D) डंक में
20. ऑक्टोपस (Octopus) है एक- ?
Answer is (D) मृदुकवची
Answer is (D) मृदुकवची
21. निम्नलिखित में से कौनसे रोग का कारक जीवाणु नहीं होता है ?
Answer is (A) एड्स
डिप्थीरिया जीवाणुजनित रोग है। यह रोग शरीर की श्वास नली को प्रभावित करता है। यह कोरीनी बैक्टीरियम डिप्थीरी नामक जीवाणु से फैलता है। इस रोग के लक्षण सांस लेने में कठिनाई एवं दम फूलने लगता है। काली खाँसी जीवाणु जनित रोग है। यह शरीर के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसमें लगातार खाँसी आती है। एड्स वायरस जनित रोग है।
Answer is (A) एड्स
डिप्थीरिया जीवाणुजनित रोग है। यह रोग शरीर की श्वास नली को प्रभावित करता है। यह कोरीनी बैक्टीरियम डिप्थीरी नामक जीवाणु से फैलता है। इस रोग के लक्षण सांस लेने में कठिनाई एवं दम फूलने लगता है। काली खाँसी जीवाणु जनित रोग है। यह शरीर के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसमें लगातार खाँसी आती है। एड्स वायरस जनित रोग है।
22. जल से बाहर निकाले जाने पर मछलियाँ मर जाती हैं, क्योंकि-
Answer is (C) वे श्वांस नहीं ले पाती हैं
मछलियाँ गलफड़ों (गिल्स) द्वारा जल में विलेय ऑक्सीजन को ग्रहण करने में समर्थ होती हैं। गलफड़ों में अत्यधिक संख्या में रक्त कोशिकाएँ पाई जाती हैं और जल में विलेय ऑक्सीजन को तुरन्त ही अवशोषित कर लेती हैं परन्तु गलफड़े वायु से ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
किसी मछली को जल से बाहर निकाल लेने पर वह अंत: ऑक्सीजन को श्वास द्वारा ग्रहण करने में असमर्थ होती है। अत: शीघ्र ही मर जाती है।
Answer is (C) वे श्वांस नहीं ले पाती हैं
मछलियाँ गलफड़ों (गिल्स) द्वारा जल में विलेय ऑक्सीजन को ग्रहण करने में समर्थ होती हैं। गलफड़ों में अत्यधिक संख्या में रक्त कोशिकाएँ पाई जाती हैं और जल में विलेय ऑक्सीजन को तुरन्त ही अवशोषित कर लेती हैं परन्तु गलफड़े वायु से ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
किसी मछली को जल से बाहर निकाल लेने पर वह अंत: ऑक्सीजन को श्वास द्वारा ग्रहण करने में असमर्थ होती है। अत: शीघ्र ही मर जाती है।
23.अन्य पशुओं के माँस की तुलना में मछली का उपयोग स्वास्थ्यकर माना जाता है, क्योंकि मछली में होता है- ?
Answer is (A) बहु असंतृप्त अम्ल
Answer is (A) बहु असंतृप्त अम्ल
24. एम्फीबिया (Amphibia) में आते है-
Answer is (D) जल एवं स्थल दोनों पर ही रह सकने वाले पशु
Answer is (D) जल एवं स्थल दोनों पर ही रह सकने वाले पशु
25. घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप है ?
Answer is (D) सॉ स्केल्ड वाइपर
Answer is (D) सॉ स्केल्ड वाइपर
1 Comments
ReplyDeletegood information Sir.